November 8, 2025

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उदंड जागीरदारों को पढ़ाने के लिए सिंधिया स्कूल की स्थापना की गई : इतिहासकार निलेश करकरे

ग्वालियर 11 अगस्त। मध्य प्रदेश चेंबर ऑफ कॉमर्स के सभागार में रविवार की शाम माधौ महाराज स्मृति फाउंडेशन द्वारा आयोजित ‘आधुनिक ग्वालियर के शिल्पकार महाराज माधौराव सिंधिया (प्रथम)’ विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया।

इस व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में इतिहासकार निलेश करकरे ने माधौराव (प्रथम) के द्वारा उनके शासनकाल में किए गए कई कार्यो पर प्रकाश डाला। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि माधौ महाराज ने उद्दंड जागीरदारों को पढ़ने के लिए सिंधिया स्कूल की स्थापना की थी।

श्री करकरे ने माधौ महाराज (प्रथम) के द्वारा ग्वालियर में किए गए कार्यों को विस्तार पूर्वक बताया उन्होंने कहा कि माधौ महाराज का दृष्टिकोण दूरदर्शी और उनके विचार आधुनिक थे। उन्होंने शहर के विकास की दो सौ साल आगे की प्लानिंग की थी। हरसी डैम, तिघरा डैम, पगारा डैम जैसे बड़े-बड़े डैम सिंचाई और पेयजल के लिए बनाए गए थे। जायारोग्य अस्पताल जो उस समय चिकित्सा के क्षेत्र में अग्रणीय था, अभी भी वह अपनी सेवाएं दे रहा है। 1897 में कन्या विद्यालय की स्थापना की। उसे समय 50 कन्याओं का प्रवेश विद्यालय में कराया गया था, तात्कालिक समय के लिए लड़कियों को इतनी बड़ी संख्या में पढ़ना बहुत बड़ी बात थी। उन्होंने घोडो की नस्ल कशी की व खेलों को बढ़ावा देने के लिए एनएलआईपी जैसे बड़े-बड़े खेल संस्थान बनाएं। ग्वालियर लेदर फैक्ट्री, ग्वालियर इंजीनियरिंग सर्विस, जैसे बड़े-बड़े उद्योगों की स्थापना उनके द्वारा की गई। ग्वालियर में चंबल के डकैत समस्या के लिए उन्होंने प्रयास किया गांव-गांव पंचायत बुलाकर डकैतों को आत्मसमर्पण कराया और आत्मा समर्पित डकैतों की सजा को कम किया, और सजा के दौरान डकैतों के परिवार के पालन पोषण, शिक्षा की जिम्मेवारी उठाई।

शहर का छप्परवाला पुल, जलविहार पुल जैसे बड़े-बड़े निर्माण उन्हीं के शासनकाल में हुए जो आज भी बहुत अच्छी स्थिति में है। माधौ महाराज सर्वधर्म सद्भाव के प्रतीक थे। फूलबाग में जो पहले महल परिसर क्षेत्र हुआ करता था उस परिसर में गोपाल मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और गिरजाघर का निर्माण उन्होंने सर्वधर्म सद्भाव के लिए ही किया था।

कार्यक्रम का शुभारंभ आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य यशवंत इंदापुरकर ने किया व्याख्यान में मुख्य अतिथि के रूप में ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर, अध्यक्षता जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलगुरु राजकुमार आचार्य, स्वागत भाषण कार्यक्रम संयोजक आशीष प्रताप सिंह राठौड़ ने दिया।

कार्यक्रम प्रस्तावना संग्राम कदम और मंच का संचालन नितिन मांगलिक व आभार प्रकट प्रवीण अग्रवाल ने किया।कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रोतागण उपस्थित थे।

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