पार्टियों को सदस्य बनने के लिए चरित्र प्रमाण पत्र लेना चाहिए
सबसे साफ शहर के कारण चर्चाओं में रहने वाला इंदौर शहर अपने पार्षद जीतू यादव के कारण चर्चाओं में है। पार्षद जीतू यादव ने एक विवाद के बाद भाजपा के पार्षद कमलेश कालरा के घर में घुसकर महिलाओं से बदसुलूकी की व नाबालिक बेटे को निर्वस्त्र कर मारपीट की और सड़क पर दौडाया इस घटना के सात दिन बीत जाने के बाद भी गुंडे जीतू यादव पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। जन आक्रोश पनपने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय के दखल से पार्षद जीतू यादव को भाजपा ने निकाला और एम.आई.सी. से भी हटाया। अब एस.आई.टी. बनाकर जांच करने और केस दर्ज करने की तैयारी हो रही है।
यह घटना राजनैतिक पार्टियों पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह लगाती है कि, क्या राजनैतिक पार्टिया गुंडों, बदमाशों, माफियाओं की चारागाह बन गई है? क्या पार्टियों को सदस्य बनने से पहले चरित्र सत्यापन जैसी प्रक्रिया करना चाहिए? यदि भाजपा जैसी मूल्य आधारित पार्टी (जैसा कि पार्टी नेता अपने आप को बताते हैं) नेता द्वारा गुंडागर्दी करने पर 7 दिन बाद भी केस दर्ज न होना इस बात की जवाब देही कैसे तय होगी ?
आये दिन होने वाले जघन्य अपराधों में अपराधी किसी न किसी राजनैतिक पार्टी के सदस्य या पदाधिकारी जरूर निकलता है। कभी-कभी लगता है, कि क्या इन राजनैतिक पार्टियों को समाज में भले व साफ छवि के लोग दिखाई नहीं देते जो वाकई में समाज के हित और हितों की रक्षा के लिए कार्य कर रहे हैं, या इन्हे सिर्फ गुंडों और माफियाओ की ही जरूरत है।
~ चेतन मोरे
द सिटीजन टाइम्स
वेब साईट- www.thecitizentime.in
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