June 1, 2025

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लावारिसों का धरती पर स्वर्ग, “स्वर्ग सदन आश्रम”

हर धर्म में जरूरतमंदों की सेवा को ही सर्वोपरि माना गया है हम धर्मों की दुहाई तो देते हैं लेकिन इस संदेश को समझ नहीं पाते इसी भावना के साथ स्वर्ग सदन आश्रम, ग्वालियर के “विकास गोस्वामी” व उनके साथी “पवन सूर्यवंशी” व “फैजान बैग” हर रोज बेसहारा और लाचार लोगों की सेवा कर रहे हैं विकास गोस्वामी ने लाचार गरीब व बेसहारा लोगों की सेवा को ही अपने जीवन का मकसद बना लिया है विकास गोस्वामी ने अपना समय अपना हर दिन इन जरूरतमंदों की सेवा के प्रति समर्पित कर दिया है व इन्होंने इस सेवा में कोई रुकावट न आए इसलिए शादी ना करने का प्रण भी लिया। विकास गोस्वामी ने 2008 से 2012 तक दिल्ली में रहकर नौकरी की, व उसके बाद यह ग्वालियर आए ग्वालियर में इन्होंने एकाउंटिंग का काम किया व आम आदमी पार्टी से जुड़े। विकास गोस्वामी को समाज सेवा करने में शुरू से ही लगाव रहा हैं इन्होंने दिल्ली में भी समाज सेवा का कार्य किया व ग्वालियर आकर भी संस्थाओं से जुड़कर समाज सेवा कि।  इन्होंने 1 जुलाई 2015 से  350 फर्स्ट एड बॉक्स के साथ डॉ. पाल के निरीक्षण में लाचार व बेसहारा लोगों का इलाज करना शुरू किया। लावारिसों को उनके हाल पर यह अकेले नहीं छोड़ना चाहते थे इसलिए फिर इन्होंने स्वर्ग सदन आश्रम का निर्माण किया यहां यह लावारिस व बेसहारा जरूरतमंद लोगों को आश्रय देते हैं इनमें से कुछ लावारिस व बेसहारा लोगो को उनका परिवार मिलने में स्वर्ग सदन आश्रम के विकास गोस्वामी व उनके साथियों का बहुत बड़ा योगदान है हाल ही में एक घटना शिंदे की छावनी बस स्टैंड के फुटपाथ पर 80 साल के बुजुर्ग की मदद की। बुजुर्ग का नाम सुरेंद्र वशिष्ठहै सुरेंद्र वशिष्ठ ने आईआईटी कानपुर से 1969 में केमिकल इंजीनियरिंग और 1972 में लखनऊ के डीएवी कॉलेज से एल एल एम किया है वह दिल्ली के रीगल स्थित खादी भंडार में नौकरी कर चुके हैं सुरेंद्र वशिष्ठ को ऐसे ही किसी व्यक्ति ने ठंड में फुटपाथ पर बेसहारा लाचार देखा और उनके इस हाल में होने की सूचना स्वर्ग सदन आश्रम की टीम को दी आश्रम के विकास गोस्वामी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे उन्होंने सुरेंद्र वशिष्ठ से बात करके उन्हें स्वर्ग सदन आश्रम में आश्रय देने ले गए। आज इनके पास मदद के लिए देश के हर जगह से फोन आते हैं।

स्वर्ग सदन आश्रम के विकास गोस्वामी की अपील है “कि दिखावा छोड़ कर कार्य करें, लोगों की सेवा करें, उन्हें देखकर मन में गंदा भाव व घिन, तिरस्कार ना लाएं वह भी समाज का एक अभिन्न अंग है।”

आश्रम के संचालक विकास गोस्वामी और पवन सूर्यवंशी के साथ चर्चा करते हुए द सिटीजन टाइम की सहायक संपादक खुशबू मोरे

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