August 3, 2025

The Citizen Time

News Website

सिंधिया के खिलाफ मुखर रहे प्रभात

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे प्रभात झा की प्रथम पुण्यतिथि ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय के अटल सभागार में हुई। हजारों लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने वहां पहुंचे। देश- प्रदेश के जाने-माने लोग वहां मौजूद थे।

प्रभात झा एक जुनूनी नेता थे। बिहार के सीतामढ़ी जैसे छोटे गांव से राज्यसभा का सफर तय करने वाले प्रभात झा का जीवन बेहद उतार चढ़ाव संघर्षों वाला रहा। वह सामाजिक कार्यकर्ता और पार्टी कार्यकर्ता के रूप में एक अति जुनून व्यक्ति के रूप में सिद्ध हुए। मेरे पिता स्वर्गीय यशवंत मोरे जब सामाजिक कार्यकर्ता के रूप पार्टी में सक्रिय थे। तब श्री झा उनसे मिलने आया करते थे। चुनाव के समय एक रात दो बजे ठंड के दिनों में गुढा स्थित हमारे निवास पर पहुंचे। उस समय गुढा एक दूर‐ दराज का गांव जैसा था। लोग रात में यहां आने से कतराते थे। परंतु वह मफलर लपेटकर अपनी लूना लिए रात के दो बजे वहां पार्टी के काम से पहुंचे थे।

वह अपनी मुखरता के लिए भी जाने जाते थे। जब ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में थे। तब सिंधिया के खिलाफ पार्टी प्रभात झा और जयभान सिंह पवैया को ही आगे किया करती थी, क्योंकि पार्टी के अन्य बड़े नेता कहीं ना कहीं सिंधिया से बैर लेने से डरते थे। प्रभात झा हमेशा एक विपक्षी नेता सिंधिया के खिलाफ मुखर हो कर बोलते रहे। वह उनकी संपत्ति के सर्वे करने की बात हो या सिंधिया के खिलाफ कोई और मुद्दा।

कमलनाथ सरकार के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर को मेट्रोपोलिटन सिटी बनाने की मांग की, तब मैंने श्री झा का उनका इंटरव्यू ग्वालियर हलचल संवाददाता के रूप में लिया था। तब उन्होंने कहा कि “ग्वालियर को बर्बाद करने का श्रेय सिंधिया को जाता है। वह अपनी सीट नहीं बचा सके। वह सिर्फ हल्ला मचाने का काम करते हैं।”

वह अपनी ही पार्टी के नेताओं पर भी मुखरता में समानता रखते थे। वह भी दो धारी तलवार के समान हो जाते थे। इसके कई नुकसान भी उन्हें हुए उनके मुखर स्वभाव से पार्टी को तो लाभ हुआ परंतु उन्हें निजी तौर पर नुकसान सहना पड़ा। प्रभात झा जैसे नेता रोज-रोज पैदा नहीं होते। भाजपा की जो चमक वर्तमान में दिखाई दे रही है वह इन जैसे हजारों कार्यकर्ता के कारण है।

सिटिजन टाइम उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करता है।

~ चेतन मोरे

About Post Author

Categories